Class 6 Hindi Chapter 3 ‘पहली बूंद’ Questions Answers NCERT Textbook मल्हार: Here CBSE Class 6 Students would find NCERT Solutions for the Chapter 3 ‘पहली बूंद’ given in the Class 6 Hindi textbook titled ‘मल्हार’।
Class 6 Hindi Chapter 3 ‘पहली बूंद’ प्रश्न और उत्तर एनईआरटी पाठ्यपुक मल्हार: यहाँ पर सीबीएसई कक्षा 6 के छात्र ‘मातृभूमि अध्याय 1 के लिए एनसीईआरटी समाधान प्राप्त कर सकते हैं, जो कक्षा 6 हिंदी पाठ्यपुस्तक ‘मल्हार’ में दिया गया है।
Class 6 NCERT Chapter 3 ‘पहली बूंद’ Question answers
‘पहली बूंद’ कविता NCERT Solutions for Class 6 Hindi are available here. This educational material has been prepared carefully for students studying Class 6 Hindi NCERT Textbook ‘मल्हार’. Chapter 3 ‘पहली बूंद’ NCERT Solutions for Class 6 would assist students in their exam preparation. We have included all the questions and answers from Chapter 1 मातृभूमि of the Class 6 Hindi NCERT textbook ‘मल्हार’.
पाठ से
मेरी समझ से
(क) नीचे दिए गए प्रश्नों का सटीक उत्तर कौन-सा है? उसके सामने तारा (☆) बनाइए-
1. कविता में ‘नव-जीवन की ले अँगड़ाई’ किसके लिए प्रयुक्त हुआ है?
- बादल
- बूँद
- अंकुर ⭐
- पावस
✔️ उत्तर: “अंकुर” — क्योंकि कविता में अंकुर के फूटने को नए जीवन की अंगड़ाई कहा गया है।
2. ‘नीले नयनों-सा यह अंबर, काली पुतली-से ये जलधर’ में ‘काली पुतली’ है—
- बारिश की बूँदें
- वृद्ध धरती
- नगाड़ा
- बादल ⭐
✔️ उत्तर: “बादल” — क्योंकि पंक्ति में बादलों की तुलना काली पुतली से की गई है।
(ख) अब अपने मित्रों के साथ चर्चा कीजिए कि आपने ये उत्तर क्यों चुने?
उत्तर:
प्रश्न 1: ‘नव-जीवन की ले अंगड़ाई’ किसके लिए प्रयोग हुआ है?
उत्तर: अंकुर
कारण:
कविता की पंक्ति है — “अंकुर फूट पड़ा धरती से, नव-जीवन की ले अंगड़ाई”
इसमें साफ लिखा है कि अंकुर (छोटा पौधा) धरती से बाहर आ गया।
जब कोई बीज अंकुर बनता है, तो वो नया जीवन कहलाता है।
इसलिए यह पंक्ति “अंकुर” के लिए है।
प्रश्न 2: ‘काली पुतली’ से क्या मतलब है?
उत्तर: बादल
कारण:
कविता की पंक्ति है — “नीले नयनों-सा यह अंबर, काली पुतली-से ये जलधर”
यहाँ “अंबर” यानी आकाश को “नीली आँख” कहा गया है,
और “जलधर” यानी बादलों को “काली पुतली” कहा गया है।
आँखों में काली पुतली होती है जैसे नीले आकाश में काले बादल।
मिल करें मिलान
कविता की कुछ पंक्तियाँ नीचे दी गई हैं। इन पंक्तियों में कुछ शब्द रेखांकित हैं। दाहिनी ओर रेखांकित शब्दों के भावार्थ दिए गए हैं। इनका मिलान कीजिए।

उत्तर:

पंक्तियों पर चर्चा
कविता में से चुनकर कुछ पंक्तियाँ नीचे दी गई हैं। इन्हें ध्यान से पढ़िए और इन पर विचार कीजिए। आपको इनका क्या अर्थ समझ में आया? अपने विचार कक्षा में अपने समूह में साझा कीजिए और अपनी लेखन पुस्तिका में लिखिए-
- “आसमान में उड़ता सागर, लगा बिजलियों के स्वर्णिम पर,
बजा नगाड़े जगा रहे हैं, बादल धरती की तरुणाई।” - “नीले नयनों-सा यह अंबर, काली पुतली-से ये जलधर।
करुणा-विगलित अश्रु बहाकर, धरती की चिर-प्यास बुझाई।”
उत्तर:
पंक्ति 1:
“आसमान में उड़ता सागर, लगा बिजलियों के स्वर्णिम पर,
बजा नगाड़े जगा रहे हैं, बादल धरती की तरुणाई।”
सरल अर्थ:
- समुद्र का पानी बादल बनकर आकाश में उड़ रहा है।
- वह बिजली के चमकते, सुनहरे पंखों पर सवार है।
- बादल गरज (नगाड़े जैसे) रहे हैं।
- उनकी गड़गड़ाहट से धरती की जवानी और ताजगी (तरुणाई) जाग उठी।
बच्चों की अपनी भाषा में विचार:
“यह पंक्ति मुझे यह दिखाती है कि बादल कैसे समुद्र से उड़कर आकाश में आते हैं।
बिजली और बादल मिलकर ऐसा लगता है जैसे आसमान में कोई उत्सव हो रहा हो।
बादल की आवाज़ सुनकर धरती भी उठ बैठती है और फिर से हरी-भरी बनने लगती है।”
पंक्ति 2:
“नीले नयनों-सा यह अंबर, काली पुतली-से ये जलधर।
करुणा-विगलित अश्रु बहाकर, धरती की चिर-प्यास बुझाई।”
सरल अर्थ:
- आकाश नीली आँखों जैसा दिखता है।
- उसमें जो बादल हैं, वे काली पुतली जैसे लगते हैं।
- बादल जैसे दया के आँसू बहा रहे हैं।
- उन आँसुओं (बारिश) से धरती की बहुत पुरानी प्यास बुझ गई।
बच्चों की अपनी भाषा में विचार:
“यह पंक्ति मुझे यह समझाती है कि आकाश और बादल आँखों की तरह हैं।
बादल जब बारिश करते हैं, तो लगता है जैसे वे दया के आँसू बहा रहे हैं।
इन बूँदों से धरती को बहुत राहत मिलती है, जैसे किसी को बहुत समय बाद पानी मिला हो।”
सोच-विचार के लिए
कविता को एक बार फिर से पढ़िए और निम्नलिखित के बारे में पता लगाकर अपनी लेखन पुस्तिका में लिखिए-
- बारिश की पहली बूँद से धरती का हर्ष कैसे प्रकट होता है?
- कविता में आकाश और बादलों को किनके समान बताया गया है?
उत्तर:
प्रश्न 1: बारिश की पहली बूँद से धरती का हर्ष कैसे प्रकट होता है?
उत्तर:
- बारिश की पहली बूँद गिरते ही धरती पर अंकुर फूट पड़ते हैं।
- धरती मुस्कुराती है जैसे उसे अमृत मिल गया हो।
- सूखे अधर (होंठ) भी भीग जाते हैं और हरियाली छा जाती है।
- धरती पुलकित हो उठती है और हरी घास जैसे रोमावली दिखने लगती है।
- यह सब देखकर लगता है कि धरती बहुत खुश, जीवंत और सजीव हो गई है।
प्रश्न 2: कविता में आकाश और बादलों को किनके समान बताया गया है?
उत्तर:
- आकाश को नीली आँखों (नीले नयन) जैसा बताया गया है।
- बादलों को काली पुतली के समान बताया गया है।
- इससे आकाश और बादल मिलकर एक सुंदर आँख की कल्पना करते हैं।
- यह तुलना बहुत कोमल और कल्पनात्मक है।
कविता की रचना
‘आसमान में उड़ता सागर, लगा बिजलियों के स्वर्णिम पर’ कविता की इस पंक्ति का सामान्य अर्थ देखें तो समुद्र का आकाश में उड़ना असंभव होता है। लेकिन जब हम इस पंक्ति का भावार्थ समझते हैं तो अर्थ इस प्रकार निकलता है- समुद्र का जल बिजलियों के सुनहरे पंख लगाकर आकाश में उड़ रहा है। ऐसे प्रयोग न केवल कविता की सुंदरता बढ़ाते हैं बल्कि उसे आनंददायक भी बनाते हैं। इस कविता में ऐसे दृश्यों को पहचानें और उन पर चर्चा करें।
उत्तर:
प्रश्न में जो पंक्तियाँ दी गई है उनमें आलंकारिक भाषा का प्रयोग किया गया है जो पंक्तियों को सुंदर ओर प्रभावी बना देती है।
कुछ दृश्यों को ‘पहली बूंद’ कविता से पहचान कर यहाँ हम दे रहे हैं। साथ में चर्चा के रूप में उनके अर्थ पर चर्चा की गई है।
यहाँ दो उत्तर के सेट दिए गए हैं जिससे आपको ओर अच्छे ढंग से इस प्रश्न को करने में मदद मिल जाए।
Answer Set – 1
1. “आसमान में उड़ता सागर, लगा बिजलियों के स्वर्णिम पर”
भावार्थ:
- यह कल्पना है कि जैसे समुद्र का पानी बादल बनकर आकाश में उड़ रहा है।
- बिजलियाँ उसके सुनहरे पंख हैं।
- यह दृश्य कविता को बहुत ही जीवंत और कल्पनापूर्ण बना देता है।
(बच्चों को लगता है मानो समुद्र उड़ रहा है!)
2. “धरती के सूखे अधरों पर, गिरी बूँध अमृत-सी आकर”
भावार्थ:
- धरती के होंठ (अधर) सुखे थे, जैसे प्यासी थी।
- बारिश की बूँद अमृत बनकर उस पर गिरी।
- यह दृश्य धरती को एक इंसान की तरह दर्शाता है — जो बारिश पाकर मुस्कुराती है।
3. “बजा नगाड़े जगा रहे हैं, बाल धरती की तरुणाई”
भावार्थ:
- बादलों की गरज को नगाड़े की आवाज़ बताया गया है।
- वह आवाज़ धरती की तरुणाई (जवानी, ताजगी) को जगा रही है।
- यह दिखाता है कि बारिश से धरती में नयी ऊर्जा आ जाती है।
4. “नीले नयनों-सा यह अंबर, काली पुतली-से ये जलधर”
भावार्थ:
- आकाश को नीली आँखों की तरह बताया गया है।
- बादलों को काली पुतली कहा गया है।
- यह बहुत सुंदर मानवीय कल्पना है।
5. “नव-जीवन की ले अंगड़ाई”
भावार्थ:
- जब अंकुर निकलते हैं तो ऐसा लगता है जैसे नया जीवन अंगड़ाई ले रहा हो।
- यह कल्पना धरती को फिर से जीवंत होती हुई दिखाती है।
निष्कर्ष: इन सभी कल्पनाशील दृश्यों ने कविता को खूबसूरत, जीवंत और आनंददायक बना दिया है।
बच्चों के मन में यह चित्र उभरते हैं और वे प्रकृति के साथ जुड़ाव महसूस करते हैं।
Answer Set – 2

शब्द एक अर्थ अनेक
‘अंकुर फूट पड़ा धरती से, नव-जीवन की ले अँगड़ाई’ कविता की इस पंक्ति में ‘फूटने’ का अर्थ पौधे का अंकुरण है। ‘फूट’ का प्रयोग अलग-अलग अर्थों में किया जाता है, जैसे- फूट डालना, घड़ा फूटना आदि। अब फूट शब्द का प्रयोग ऐसे वाक्यों में कीजिए जहाँ इसके भिन्न-भिन्न अर्थ निकलते हों, जैसे- अंग्रेज़ों की नीति थी फूट डालो और राज करो।
उत्तर:
यहाँ हम आपके लिए शब्द “फूट” का प्रयोग करके भिन्न-भिन्न अर्थों में सरल और छोटे वाक्य बना के दे रहे हैं ।
शब्द: फूट – एक शब्द, कई अर्थ
नीचे “फूट” शब्द का उपयोग अलग-अलग अर्थों में किया गया है:
1️⃣ अर्थ: अंकुर निकलना (उगना)
वाक्य:
बारिश होते ही बीज से अंकुर फूट पड़ा।
(यहाँ “फूट” का अर्थ है — नया पौधा निकलना)
2️⃣ अर्थ: टूटना / फटना
वाक्य:
गर्मी में घड़ा सूखकर फूट गया।
(यहाँ “फूट” का अर्थ है — टूटना)
3️⃣ अर्थ: मनमुटाव या झगड़ा पैदा होना
वाक्य:
अंग्रेज़ों की नीति थी — फूट डालो और राज करो।
(यहाँ “फूट” का अर्थ है — झगड़ा या अलगाव)
4️⃣ अर्थ: भावनाओं का फूट पड़ना (जैसे रो पड़ना)
वाक्य:
दुख की खबर सुनकर वह रो पड़ा, आँखों से आँसू फूट पड़े।
(यहाँ “फूट” का अर्थ है — जोर से बहना)
5️⃣ अर्थ: छिपी बात का खुल जाना / भेद खुलना
वाक्य:
चोरी की बात जब फूट गई तो सब हैरान रह गए।
(यहाँ “फूट” का अर्थ है — भेद खुलना)
Another Set of Answers
नीचे “फूट” शब्द के पाँच अलग-अलग अर्थों में प्रयोग किए गए वाक्य दिए गए हैं:
- अंकुरण (उगना)
– बगीचे में सिंचाई होते ही मटर के पौधे से हरे-भरे अंकुर फूट पड़े। - शुरुआत होना / अचानक होना
– दोस्तों की बातें सुनकर उसकी आँखों में हँसी फूट पड़ी। - टूटना / चीर-फाड़ होना
– खेलने के दौरान पत्थर से टकराकर उस मिट्टी के घड़े का बर्तन फूट गया। - बह निकलना / झरना
– दुखद समाचार सुनकर उसकी आँखों से आँसू फूट पड़े। - बिखरना / फैल जाना
– स्कूल की छुट्टी होते ही बच्चे जोर-जोर से हँसते हुए इधर-उधर फूट पड़े।
अनेक शब्दों के लिए एक शब्द
‘नीले नयनों-सा यह अंबर, काली पुतली-से ये जलधर’ कविता की इस पंक्ति में ‘जलधर’ शब्द आया है। ‘जलधर’ दो शब्दों से बना है, जल और धर। इस प्रकार जलधर का शाब्दिक अर्थ हुआ जल को धारण करने वाला। बादल और समुद्र; दोनों ही जल धारण करते हैं। इसलिए दोनों जलधर हैं। वाक्य के संदर्भ या प्रयोग से हम जान सकेंगे कि जलधर का अर्थ समुद्र है या बादल। शब्दकोश या इंटरनेट की सहायता से ‘धर’ से मिलकर बने कुछ शब्द और उनके अर्थ ढूँढ़कर लिखिए।
उत्तर:
इस प्रश्न में संयुक्त शब्दों (समास) और शब्द रचना को समझने का अवसर दिया गया है ।
यहाँ ‘धर’ शब्द से बने कुछ सामान्य और सुंदर संयुक्त शब्द (compound words) और उनके सरल अर्थ दिए गए हैं —
शब्द | सरल अर्थ (हिंदी में) |
---|---|
जलधर | जल को धारण करने वाला (बादल या समुद्र) |
मेघधर | मेघ (बादल) को धारण करने वाला — इंद्र |
धरणीधर | धरती को धारण करने वाला — भगवान शेषनाग |
धनधर | धन रखने वाला / अमीर व्यक्ति |
शस्त्रधर | शस्त्र (हथियार) रखने वाला व्यक्ति |
धर्मधर | धर्म का पालन करने वाला |
रथधर | रथ रखने वाला (रथ का स्वामी) |
गजधर | हाथियों का स्वामी / हाथी रखने वाला |
बच्चों को समझने के लिए उदाहरण:
- “जलधर” में जल + धर = जो जल को धारण करे = बादल
- “मेघधर” में मेघ + धर = जो मेघों (बादलों) को धारण करे = इंद्र
- “धनधर” में धन + धर = जो धन को धारण करे = अमीर
- “शस्त्रधर” में शस्त्र + धर = जो हथियार रखे = योद्धा
नीचे कुछ ओर प्रसिद्ध शब्द दिए हैं, जिन में ‘धर’ जुड़कर नए-नए अर्थ बनते हैं।
शब्द | रचना | शाब्दिक अर्थ | उपयोग (Who/What it refers to) |
---|---|---|---|
जलधर | जल + धर | जल को धारण करने वाला | समुद्र या बादल |
श्रीधर | श्री + धर | श्री (सम्पत्ति, सौभाग्य) को धारण करने वाला | भगवान विष्णु का एक नाम |
चंद्रधर | चंद्र + धर | चंद्र (चाँद) को धारण करने वाला | चाँद |
विष्णुधर | विष्णु + धर | विष्णु (भगवान विष्णु) को धारण करने वाला | भगवान विष्णु |
मुकुंदधर | मुकुंद + धर | मुकुंद (मोक्ष देने वाला) को धारण करने वाला | भगवान श्रीकृष्ण (एक नाम) |
शब्द पहेली
दिए गए शब्द-जाल में प्रश्नों के उत्तर खोजें –

उत्तर:
क्रम | प्रश्न | उत्तर |
---|---|---|
क | एक प्रकार का वाद्य यंत्र | नगाड़ा |
ख | आँख के लिए एक अन्य शब्द | नयन |
ग | जल को धारण करने वाला | जलधर |
घ | एक प्रकार की घास | दूब |
ड | आँसू का समानार्थी | अश्रु |
च | आसमान का समानार्थी शब्द | अंबर |
पाठ से आगे
आपकी बात
- बारिश को लेकर हर व्यक्ति का अनुभव भिन्न होता है। बारिश आने पर आपको कैसा लगता है? बताइए।
- आपको कौन-सी ऋतु सबसे अधिक प्रिय है और क्यों? बताइए।
उत्तर: (Sample Answers)
बच्चों के इसका उत्तर स्वयं तैयार करना चाहिए । पर हम यहाँ नमूने के तैर पर उत्तर दे रहे हैं।
1:बारिश आने पर आपको कैसा लगता है?
उत्तर:
बारिश आने पर मुझे बहुत अच्छा लगता है।
ठंडी हवा चलती है और मिट्टी से प्यारी खुशबू आती है।
मैं खिड़की से बाहर देखता हूँ और बूँदों को गिरते हुए देखता हूँ।
कभी-कभी मैं छतरी लेकर बाहर भी चला जाता हूँ।
बारिश मुझे बहुत खुश और ताज़ा महसूस कराती है।
2: आपको कौन-सी ऋतु सबसे अधिक प्रिय है और क्यों?
उत्तर:
मुझे वर्षा ऋतु (बारिश का मौसम) सबसे अधिक प्रिय है।
इस मौसम में सब कुछ हरा-भरा हो जाता है।
पक्षी गाना गाते हैं और मेंढक टर्र-टर्र करते हैं।
मुझे बारिश में गरम पकौड़े खाना बहुत अच्छा लगता है।
यह ऋतु मुझे प्रकृति के करीब महसूस कराती है।
समाचार माध्यमों से
प्रत्येक मौसम समाचार के विभिन्न माध्यमों (इलेक्ट्रॉनिक या प्रिंट या सोशल मीडिया) के प्रमुख समाचारों में रहता है। संवाददाता कभी बाढ़ तो कभी सूखे या भीषण ठंड के समाचार देते दिखाई देते हैं। आप भी बन सकते हैं संवाददाता या लिख सकते हैं समाचार।
- अत्यधिक गर्मी, सर्दी या बारिश में आपने जो स्थिति देखी है उसका आँखों देखा हाल अपनी कक्षा में प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर: (Sample Answers)
बच्चों को इसका उत्तर स्वयं लिखना चाहिए क्योंकि यह गतिविधि बच्चों में रचनात्मक लेखन, अभिव्यक्ति, और समाचार की शैली में बोलने/लिखने की आदत डालती है।
हम उदाहरण के रूप में दो आँखों देखा समाचार लेख यहाँ दे रहे हैं –
Example -1
आँखों देखा हाल — बारिश के दौरान एक संवाददाता की रिपोर्ट
संवाददाता: अजीत सिंह, कक्षा 6
स्थान: गांव खेड़ा
समय: सुबह 7 बजे
नमस्कार!
मैं हूँ नयन शर्मा और इस समय मैं अपने गाँव खेड़ा से रिपोर्ट कर रहा हूँ।
यहाँ आज सुबह से तेज बारिश हो रही है।
आसमान काले बादलों से भर गया है और हवा ठंडी चल रही है।
सड़कें पानी से भर गई हैं और बच्चे रेनकोट पहनकर स्कूल जा रहे हैं।
कुछ जगहों पर जलभराव हो गया है और लोगों को आने-जाने में परेशानी हो रही है।
कई पेड़ भी तेज हवा से झुक गए हैं।
हालाँकि यह बारिश किसानों के लिए बहुत खुशखबरी है क्योंकि उनकी फसलें अब अच्छे से उगेंगी।
लोग गरम चाय और पकौड़ों का आनंद ले रहे हैं।
कैमरामैन के साथ मैं, अजीत सिंह — बोलता भारत समाचार।
________________
Example 2
समाचार विवरण (News Report)
“तीन दिन से लगातार बारिश, कई इलाके जलमग्न”
संवाददाता: अजीत सर
आज हमारे गाँव में सुबह से तीन दिन तक रुक-रुक कर तेज बारिश हुई। इस वजह से कई मैदान और सड़कें पानी से भर गईं। कुछ घरों के निचले भाग में पानी घुस गया।
विस्तार:
- बारिश का असर:
- लगातार बारिश से खेतों में खड़ी फसलें डूब गईं।
- सड़कों पर तालाब जैसे जलसतह बन गए, गाड़ियाँ नहीं चल पा रहीं।
- बारिश के पानी से बैरगंगा नाला उफान पर आ गया।
- लोगों की मुश्किलें:
- घरों में पानी भरने से सबसे ज्यादा परेशानी बुजुर्गों व छोटे बच्चों को हो रही है।
- बाज़ार जाने-आने में दिक्कत, दवाइयां और रोटी-पानी ले जाना कठिन हो गया।
- बिजली गुल हो जाने से रात में अँधेरा रहा।
- राहत एवं बचाव कार्य:
- गाँव के प्रधान ने वाटर पंप चलाकर कुछ घरों से पानी बाहर निकाला।
- स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र में बचाव टीमें तैनात हैं।
- स्कूल बंद कर दिए गए, बच्चों को सुरक्षित घर में रहने की सूचना मिली।
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इसी तरह के अन्य समाचार बच्चे इन विषयों पर बना सकते हैं:
- भीषण गर्मी में स्कूल की छुट्टी का समाचार
- तेज सर्दी में अलाव जलाने का दृश्य
- बाढ़ से गाँव में पानी भरने का हाल
- या बिजली कटने की परेशानी
सृजन

नाम देना भी सृजन है। ऊपर दिए गए चित्र को ध्यान से देखिए और इसे एक नाम दीजिए।
उत्तर:
यह एक पौधे का चित्र है जो रेगिस्तानी या सूखी ज़मीन पर भी खिल रहा है, और अपने बीच से एक सुंदर सफेद फूल को ऊपर उठा रहा है। यह चित्र संघर्ष, जीवन शक्ति और उम्मीद का प्रतीक है।
इस चित्र के लिए एक उपयुक्त नाम हो सकता है:
“रेत में जीवन”
(क्योंकि यह पौधा सूखी रेत में भी हरा है और खिल रहा है।)
अन्य कुछ नामों के सुझाव भी देखिए:
बच्चे इनमें से कोई भी नाम अपनी समझ से चुन सकते हैं, या अपनी कल्पना से नया नाम दे सकते हैं —

खोजबीन
आपके यहाँ उत्सवों में कौन-से वाद्ययंत्र बजाए जाते हैं? उनके बारे में जानकारी एकत्र करें और अपने समूह में उस पर चर्चा करें।
उत्तर:
बच्चों को ये गतिविधि (Activity) स्वयं करने के लिए है। यह बहुत ही रोचक खोजबीन है! नीचे दी गई सूची में कुछ आम वाद्ययंत्र हैं जो भारत के विभिन्न उत्सवों में बजाए जाते हैं। आप अपनी जगह (गाँव/शहर/स्कूल) के हिसाब से इनमें से चुन सकते हैं, इनके बारे में जानकारी इकट्ठा कर सकते हैं, और फिर अपने समूह में इस तरह चर्चा कर सकते हैं:

आइए इंद्रधनुष बनाएँ
बारिश की बूँदें न केवल जीव-जंतुओं को राहत पहुँचाती हैं बल्कि धरती को हरा-भरा भी बनाती हैं। कभी-कभी ये बूँदें आकाश में बहुरंगी छटा बिखेरती हैं जिसे ‘इंद्रधनुष’ कहा जाता है। आप भी एक सुंदर इंद्रधनुष बनाइए और उस पर एक छोटी-सी कविता लिखिए। इसे कोई प्यारा सा नाम भी दीजिए।

उत्तर:
बच्चों को स्वयं इस गतिविधि को करके आनंद उठाना चाहिए:
यहाँ उदाहरण के तौर पर इंद्रधनुष बना के ओर उस पर कविता लिख कर दे रहे हैं।

