“The Adventures of Toto” Summary in Hindi & English Class 9 English

Summary of CBSE Class 9 NCERT English Lesson “The Adventures of Toto” is given here in English and Hindi. Click here for summary of other lessons.

Summary

The Grandfather’s Love for Animals and the Arrival of Toto

In this heartwarming story, we are introduced to the narrator’s grandfather, a man with an immense fondness for animals. He already has a mini zoo at home, comprising a tortoise, a pair of rabbits, a tame squirrel, and a goat. However, he longs to add a monkey to his collection. The story takes an exciting turn when he comes across a baby monkey for sale, which he buys from a tonga-driver and names “Toto.” The arrival of Toto marks the beginning of an adventurous and amusing journey.

Expanding the Mini Zoo – Toto Joins the Collection

With Toto’s arrival, the grandfather’s mini zoo transforms into a lively and real zoo. The narrator’s grandfather is delighted to have the mischievous and playful Toto in his collection. However, keeping Toto’s presence a secret becomes necessary as the grandmother strongly dislikes animals, creating an interesting challenge for the family.

Toto’s Secret Existence and Mischief

In order to keep Toto hidden from the disapproving grandmother, the grandfather finds a clever solution by keeping the monkey in a little closet connected to the narrator’s room. Despite their best efforts, Toto’s curious and mischievous nature leads to some humorous incidents, such as tearing off the narrator’s school blazer.

Toto’s Troublesome Behaviour in the Zoo

Once Toto is introduced to the other animals in the zoo, he becomes a bit of a troublemaker. His playful antics often lead to chaos and irritation among the other animals. As much as the family loves Toto, they cannot ignore the challenges he poses in managing the rest of the zoo inhabitants.

Grandfather’s Decision to Take Toto to Saharanpur

Amidst Toto’s troublesome behaviour, the grandfather has to travel to Saharanpur to collect his pension. Realizing that Toto’s presence is becoming a menace for the other animals in the zoo, the grandfather decides to take Toto along on the trip to keep him from causing any further disruptions.

Toto’s Turbulent Adventures at Saharanpur

During the journey to Saharanpur, Toto’s playful and curious nature gets them into some amusing and unexpected situations. His interactions with new environments and people provide a delightful adventure for the grandfather and Toto alike.

Toto’s Dangerous Encounter in the Kitchen

In Saharanpur, Toto finds himself in a hazardous situation when he nearly boils himself alive by jumping into a large kitchen kettle that had been left on the fire to boil for tea. Fortunately, the grandmother comes to his rescue just in time and saves him from harm.

Toto’s Continued Misbehaviour

As days pass by, Toto’s pernicious activities do not seem to lessen. Despite the family’s love for him, they find it increasingly challenging to manage his unruly behaviour, leading to various amusing yet troublesome incidents.

The Decision to Part Ways with Toto

Realizing that Toto’s behaviour is becoming more than they can handle, the grandfather ultimately makes the difficult decision to part ways with the beloved monkey. Reluctantly, he sells Toto back to the tonga-driver, knowing that it is the best decision for the family and the other animals in the zoo.

Conclusion – A Sigh of Relief as Toto Returns to the Tonga-Driver

Although the family grows attached to Toto during his stay, they heave a sigh of relief as he returns to the tonga-driver. Toto’s time with them was filled with joy, laughter, and adventure, but his mischievous nature made it challenging to keep him as a permanent member of the family’s mini zoo. Nonetheless, the memories of Toto’s time with them will forever be cherished, and the family’s love for animals continues to thrive.


Summary in Hindi

जानवरों के लिए दादा का प्यार और टोटो का आगमन

इस दिल को छू लेने वाली कहानी में, हमें कथाकार के दादा से परिचित कराया जाता है, जो जानवरों के लिए एक अपार शौक वाला व्यक्ति है। उनके पास पहले से ही घर पर एक मिनी चिड़ियाघर है, जिसमें एक कछुआ, खरगोशों की एक जोड़ी, एक पालतू गिलहरी और एक बकरी शामिल है। हालांकि, वह अपने संग्रह में एक बंदर जोड़ना चाहता है। कहानी एक रोमांचक मोड़ लेती है जब वह बिक्री के लिए एक बंदर के बच्चे से मिलता है, जिसे वह एक तांगा-चालक से खरीदता है और “टोटो” नाम देता है। टोटो का आगमन एक साहसिक और मनोरंजक यात्रा की शुरुआत का प्रतीक है।

मिनी चिड़ियाघर का विस्तार – टोटो संग्रह में शामिल हो गया

टोटो के आगमन के साथ, दादा का मिनी चिड़ियाघर एक जीवंत और वास्तविक चिड़ियाघर में बदल जाता है। कथाकार के दादा अपने संग्रह में शरारती और चंचल टोटो को पाकर खुश हैं। हालांकि, टोटो की उपस्थिति को गुप्त रखना आवश्यक हो जाता है क्योंकि दादी जानवरों को दृढ़ता से नापसंद करती है, जिससे परिवार के लिए एक दिलचस्प चुनौती पैदा होती है।

टोटो का गुप्त अस्तित्व और शरारत

टोटो को असंतुष्ट दादी से छिपाने के लिए, दादा बंदर को कथावाचक के कमरे से जुड़ी एक छोटी सी कोठरी में रखकर एक चतुर समाधान ढूंढता है। उनके सर्वोत्तम प्रयासों के बावजूद, टोटो का उत्सुक और शरारती स्वभाव कुछ विनोदी घटनाओं की ओर जाता है, जैसे कि कथाकार के स्कूल ब्लेज़र को फाड़ना।

चिड़ियाघर में टोटो का परेशानी भरा व्यवहार

एक बार जब टोटो को चिड़ियाघर में अन्य जानवरों से मिलवाया जाता है, तो वह थोड़ा परेशान करने वाला बन जाता है। उनकी चंचल हरकतें अक्सर अन्य जानवरों के बीच अराजकता और जलन का कारण बनती हैं। जितना परिवार टोटो से प्यार करता है, वे चिड़ियाघर के बाकी निवासियों के प्रबंधन में आने वाली चुनौतियों को नजरअंदाज नहीं कर सकते।

टोटो को सहारनपुर ले जाने का दादा का फैसला

टोटो के परेशानी भरे व्यवहार के बीच, दादा को अपनी पेंशन लेने के लिए सहारनपुर जाना पड़ता है। यह महसूस करते हुए कि टोटो की उपस्थिति चिड़ियाघर में अन्य जानवरों के लिए एक खतरा बन रही है, दादा ने टोटो को यात्रा पर ले जाने का फैसला किया ताकि उसे आगे किसी भी व्यवधान से बचाया जा सके।

सहारनपुर में टोटो का अशांत रोमांच

सहारनपुर की यात्रा के दौरान, टोटो का चंचल और जिज्ञासु स्वभाव उन्हें कुछ मनोरंजक और अप्रत्याशित परिस्थितियों में ले जाता है। नए वातावरण और लोगों के साथ उनकी बातचीत दादा और टोटो के लिए समान रूप से एक रमणीय रोमांच प्रदान करती है।

रसोई में टोटो की खतरनाक मुठभेड़

सहारनपुर में, टोटो खुद को एक खतरनाक स्थिति में पाता है जब वह चाय के लिए उबालने के लिए आग पर छोड़ी गई एक बड़ी रसोई केतली में कूदकर खुद को लगभग जिंदा उबाल लेता है। सौभाग्य से, दादी समय पर उसके बचाव में आती है और उसे नुकसान से बचाती है।

टोटो का निरंतर दुर्व्यवहार

जैसे-जैसे दिन बीतते हैं, टोटो की घातक गतिविधियां कम नहीं होती हैं। उसके लिए परिवार के प्यार के बावजूद, उन्हें अपने अनियंत्रित व्यवहार को प्रबंधित करना चुनौतीपूर्ण लगता है, जिससे विभिन्न मनोरंजक लेकिन परेशानी वाली घटनाएं होती हैं।

टोटो से अलग होने का फैसला

यह महसूस करते हुए कि टोटो का व्यवहार उनसे अधिक हो रहा है जितना वे संभाल सकते हैं, दादा अंततः प्यारे बंदर से अलग होने का कठिन निर्णय लेते हैं। अनिच्छा से, वह टोटो को तांगा-चालक को वापस बेच देता है, यह जानते हुए कि यह परिवार और चिड़ियाघर के अन्य जानवरों के लिए सबसे अच्छा निर्णय है।

निष्कर्ष – टोंटो के तांगा-चालक के पास लौटने से राहत की सांस

हालांकि उनके प्रवास के दौरान परिवार टोटो से जुड़ जाता है, लेकिन जब वह तांगा-चालक के पास लौटता है तो वे राहत की सांस लेते हैं। उनके साथ टोटो का समय खुशी, हंसी और रोमांच से भरा था, लेकिन उसके शरारती स्वभाव ने उसे परिवार के मिनी चिड़ियाघर के स्थायी सदस्य के रूप में रखना चुनौतीपूर्ण बना दिया। बहरहाल, उनके साथ टोटो के समय की यादें हमेशा के लिए संजोई जाएंगी, और जानवरों के लिए परिवार का प्यार बढ़ता रहता है।


Leave a Reply