Class 6 Hindi Chapter 1 मातृभूमि Questions Answers NCERT Textbook मल्हार: Here at #SirjiTutorials CBSE Class 6 Students would find NCERT Solutions for the Chapter 1 ‘मातृभूमि’ given in the Class 6 Hindi textbook titled ‘मल्हार’। Class 6 Hindi Chapter 1 मातृभूमि प्रश्न और उत्तर एनईआरटी पाठ्यपुक मल्हार: #SirTutorials पर सीबीएसई कक्षा 6 के छात्र ‘मातृभूमि अध्याय 1 के लिए एनसीईआरटी समाधान प्राप्त कर सकते हैं, जो कक्षा 6 हिंदी पाठ्यपुस्तक ‘मल्हार’ में दिया गया है।
Class 6 NCERT Chapter 1 ‘मातृभूमि’ Q&A Solutions
‘मातृभूमि’ कविता NCERT Solutions for Class 6 Hindi are available on #Sirjitutorials website. This educational material has been prepared carefully for students studying Class 6 Hindi NCERT Textbook ‘मल्हार’. Chapter 1 मातृभूमि NCERT Solutions for Class 6 would assist students in their exam preparation. We have included all the questions and answers from Chapter 1 मातृभूमि of the Class 6 Hindi NCERT textbook ‘मल्हार’.
पाठ से :
पेज 3 से 8 तक
मेरी समझ से (पेज – 3)
(क) नीचे दिए गए प्रश्नों का सटीक उत्तर कौन-सा है? उसके सामने तारा (☆) बनाइए—
(1) हिदं महासागर के लिए कविता में कौन-सा शब्द आया है?
चरण
हिमालय
वंशी
सिधु
उत्तर- (☆)सिंधु
(2) मातभृ मिू कविता में मखु्य रूप से—
भारत की प्रशंसा की गई है।
भारत के महापुरूषों की जय की गई है।
भारत की प्राकृतिक संुदरता की सराहना की गई है।
भारतवासियों की वीरता का बखान किया गया है।
उत्तर- (☆) भारत की प्रशंसा की गई है।
(ख) अब अपने मित्रों के साथ चर्चा कीजिए और कारण बताइए कि आपने ये उत्तर ही क्यों चुना?
उत्तर:
(1) “सिंधु” उत्तर क्यों चुना?
हमने ‘सिंधु’ शब्द को चुना क्योंकि कविता की पहली ही पंक्तियों में लिखा है:
“नीचे चरण तले झुक,
नित सिंधु झूमता है।”
यहाँ सिंधु शब्द का प्रयोग समुद्र (Hind Mahasagar) के लिए हुआ है।
(2) “भारत की प्रशंसा की गई है” उत्तर क्यों चुना?
कविता में भारत के पर्वत, नदियाँ, झरने, हवाएँ, और महापुरुषों की सुंदरता और महानता का वर्णन है। कवि ने भारत को पुण्य भूमि, स्वर्ण भूमि, धर्मभूमि और मातृभूमि कहा है।
इसलिए यह कविता पूरी तरह से भारत की प्रशंसा करती है — इसलिए यही सही उत्तर है।
मिलकर करें मिलान (पेज – 4)

उत्तर- यह रहा “मिलकर करें मिलान” अभ्यास का हल — सभी शब्दों को उनके सही अर्थ या संदर्भ से मिलाते हुए:
शब्द | अर्थ या संदर्भ (संख्या से मिलान) |
---|---|
1. हिमालय | 10. भारत की उत्तरी सीमा पर फैली पर्वत-माला |
2. त्रिवेणी | 4. तीन नदियों की मिली हुई धारा, संगम |
3. मलय पवन | 6. दक्षिण भारत के मलय पर्वत से चलने वाली सुगंधित वायु |
4. सिंधु | 8. समुद्र, एक नदी का नाम |
5. गंगा-यमुना | 3. भारत की प्रसिद्ध नदियाँ |
6. रघुपति | 5. श्री रामचंद्र का एक नाम, दशरथ के पुत्र |
7. श्रीकृष्ण | 2. वसुदेव के पुत्र वासुदेव |
8. सीता | 9. जनक की पुत्री जानकी |
9. गीता | 7. एक प्रसिद्ध और प्राचीन ग्रंथ ‘श्रीमद्भगवद्गीता’ |
10. गौतम बुद्ध | 1. एक प्रसिद्ध महापुरुष, बौद्ध धर्म के प्रवर्तक |
पंक्तियों पर चर्चा (पेज – 4)
कविता में से चुनकर कुछ पंक्तियाँ नीचे दी गई हैं। इन्हें ध्यान से पढ़िए और इन पर विचार कीजिए। आपको इनका क्या अर्थ समझ में आया? अपने विचार कक्षा में अपने समूह में साझा कीजिए और अपनी लेखन पुस्तिका में लिखिए-
वह मातृभूमि मेरी, वह जन्मभूमि मेरी।
उत्तर- यहाँ पर Sample उत्तर दिया जा रहा है !
यह पंक्ति कविता की बहुत ही सुंदर और भावनात्मक पंक्ति है। यहाँ एक सरल अर्थ और विचार दिए जा रहे हैं, जो वे अपनी लेखन पुस्तिका में लिख सकते हैं और समूह में साझा कर सकते हैं:
पंक्तियाँ
“वह युद्ध-भूमि मेरी, वह बुद्ध-भूमि मेरी।
वह मातृभूमि मेरी, वह जन्मभूमि मेरी।”
अर्थ / विचार:
इन पंक्तियों में कवि ने अपने देश भारत को बहुत ही महान बताया है।
यह देश एक तरफ वह जगह है जहाँ वीर योद्धाओं ने युद्ध किए (युद्ध-भूमि), और दूसरी ओर शांति और करुणा के संदेश देने वाले भगवान बुद्ध ने जन्म लिया (बुद्ध-भूमि)।
यह मेरी मातृभूमि है यानी माँ जैसी प्यारी भूमि, और यह मेरी जन्मभूमि है यानी जिस धरती पर मेरा जन्म हुआ।
👉 इससे हमें यह सीख मिलती है कि हमारा देश वीरता और शांति — दोनों का प्रतीक है। हमें अपने देश पर गर्व करना चाहिए और उसका सम्मान करना चाहिए।
सोच-विचार के लिए (पेज – 5)
(क) कविता को एक बार फिर से पढ़िए और निम्नलिखित के बारे में पता लगाकर अपनी लेखन पुस्तिका में लिखिए।
1. कोयल कहाँ रहती है?
उत्तर- कोयल अमराइयों (आम के बागों) में रहती है।
पंक्ति: “अमराइयाँ घनी हैं, कोयल पुकारती है।”
2. तन-मन कौन सँवारती है?
उत्तर- मलय पवन तन-मन सँवारती है।
पंक्ति: “बहती मलय पवन है, तन मन सँवारती है।”
3. झरने कहाँ से झरते हैं?
उत्तर- झरने पहाड़ियों से झरते हैं।
पंक्ति: “झरने अनेक झरते, जिसकी पहाड़ियों में।”
4. श्रीकृष्ण ने क्या सुनाया था?
उत्तर- श्रीकृष्ण ने वंशी (बाँसुरी) और गीता सुनाई थी।
पंक्ति: “श्रीकृष्ण ने सुनाई, वंशी पुनीत गीता।”
5. गौतम ने किसका यश बढ़ाया?
उत्तर- गौतम बुद्ध ने भारत का यश बढ़ाया।
पंक्ति: “गौतम ने जन्म लेकर, जिसका सुयश बढ़ाया।”
(ख)
“नदियाँ लहर रही है
पग पग छहर रही है”
‘लहर’ का अर्थ होता है— पानी का हिलोरा, मौज, उमंग, वेग, जोश
‘छहर’ का अर्थ होता है— बिखरना, छितराना, छिटकना, फैलना
कविता पढ़कर पता लगाइए और लिखिए–
1. कहाँ-कहाँ छटा छहर रही हैं?
2. किसका पानी लहर रहा है?
उत्तर:
1. कहाँ-कहाँ छटा छहर रही है?
उत्तर- भारत के हर पग-पग (कदम-कदम) पर छटा छहर रही है यानी सुंदरता फैली हुई है।
2. किसका पानी लहर रहा है?
उत्तर- नदियों का पानी (गंगा, यमुना, त्रिवेणी) लहर रहा है।
कविता की रचना (पेज – 5)
नदियाँ लहर रही हैं”
यमुन’ शब्द यहाँ ‘यमुना’ नदी के लिए आया है। कभी-कभी कवि कविता की लय और सौंदर्य को बढ़ाने के लिए इस प्रकार से शब्दों को थोड़ा बदल देते हैं। यदि आप कविता को थोड़ा और ध्यान से पढ़ेंगे तो आपको और भी बहुत-सी विशेषताएँ पता चलेंगी। आपको जो विशेष बातें दिखाई दें, उन्हें आपस में साझा कीजिए और लिखिए। जैसे सबसे ऊपर इस कविता का एक शीर्षक है।
उत्तर- इस अभ्यास को बच्चों को स्वयं करने के लिए है पर हम यहाँ Sample उत्तर दे रहें हैं।
कविता में मौजूद ऐसी कुछ विशेषताओं को ढूँढते हैं और उन्हें लिखते हैं। ये बातें बच्चे समूह में मिलकर भी बता सकते हैं और फिर अपनी लेखन पुस्तिका में लिख सकते हैं।
✨ कविता की कुछ विशेषताएँ
- कविता का शीर्षक है — “मातृभूमि”
इसका अर्थ है — माँ जैसी प्यारी हमारी देश की भूमि। - शब्दों को सुंदरता के लिए बदला गया है —
जैसे:
‘यमुन’ शब्द को ‘यमुना’ के स्थान पर रखा गया है ताकि लय और तुक बनी रहे। - कविता में तुकांत (Rhyming Words) हैं —
हर पंक्ति के अंत में मिलते-जुलते शब्द हैं, जैसे:
चूमता है – झूमता है,
रही हैं – छहर रही हैं,
मेरी – मेरी,
ये कविता को गाने जैसा बना देते हैं। - प्राकृतिक सुंदरता का वर्णन है —
हिमालय, नदियाँ, झरने, पवन, चिड़ियाँ, कोयल – सब कुछ बहुत सुंदर तरीके से बताया गया है। - देश के महापुरुषों का नाम लिया गया है —
जैसे: राम, सीता, श्रीकृष्ण, गौतम बुद्ध। - देश के लिए प्रेम और गर्व दिखाया गया है —
कवि बार-बार कहते हैं:
“वह मातृभूमि मेरी, वह जन्मभूमि मेरी।” - देश को अलग-अलग नामों से पुकारा गया है —
जैसे: पुण्य भूमि, स्वर्ण भूमि, धर्मभूमि, कर्मभूमि, युद्धभूमि, बुद्धभूमि।
इन बिंदुओं के आधार पर बच्चे मिलकर चर्चा कर सकते हैं और कुछ बातें जोड़ भी सकते हैं जैसे—
- कविता कितनी भावनात्मक है।
- इसमें भारत का गौरवशाली इतिहास और शांति का संदेश भी है।
मिलान (पेज – 5)
स्तंभ 1 और स्तंभ 2 में कुछ पंक्तियाँ दी गई हैं। मिलते-जुलते भाव वाली पंक्तियों को रेखा खींचकर जोड़िए –

उत्तर: स्तंभ 1 और स्तंभ 2 का मिलान नीचे दिया गया है।
स्तंभ 1 (कविता की पंक्तियाँ) | स्तंभ 2 (भाव/अर्थ) |
---|---|
1. वह जन्मभूमि मेरी, वह मातृभूमि मेरी। | 2. मैंने उस भूमि पर जन्म लिया है। वह भूमि मेरी माँ समान है। |
2. चिड़ियाँ चहक रही हैं, हो मस्त झाड़ियों में। | 3. वहाँ की जलवायु इतनी सुखदायी है कि पक्षी पेड़-पौधों के बीच प्रसन्नता से गीत गा रहे हैं। |
3. अमराइयाँ घनी हैं, कोयल पुकारती है। | 1. यहाँ आम के घने उद्यान हैं जिनमें कोयल आदि पक्षी चहचहा रहे हैं। |
अनुमान या कल्पना से (पेज – 6)
अपने समूह में मिलकर चर्चा कीजिए–
(क) “अमराइयाँ घनी हैं,
कोयल पुकारती है”
कोयल क्यों पुकार रही होगी? किसे पुकार रही होगी? कैसे पुकार रही होगी?
उत्तर:
कोयल क्यों पुकार रही होगी?
– कोयल वसंत ऋतु आने पर खुशी में गाती है। शायद वह खुश होकर गा रही है।
– वह अपने साथी को बुला रही होगी या आमों के बाग में बच्चों को आम खाने बुला रही होगी।
किसे पुकार रही होगी?
– अपने साथी को
– या आम तोड़ने आए बच्चों को,
– या प्रकृति को जगाने के लिए।
कैसे पुकार रही होगी?
– वह मीठी, मधुर और कू-कू की आवाज़ में गा रही होगी, जिससे सबका मन खुश हो जाए।
(ख) “बहती मलय पवन है,
तन मन सँवारती है”
पवन किसका तन-मन सँवारती है? वह यह कैसे करती है?
उत्तर:
पवन किसका तन-मन सँवारती है?
– यह हर व्यक्ति, पक्षी, पेड़-पौधे, और जानवरों सभी का तन-मन सँवारती है।
वह यह कैसे करती है?
– मलय पवन एक शीतल और सुगंधित हवा है।
– यह शरीर को ठंडक, सुकून और ताज़गी देती है।
– यह मन को शांत, प्रसन्न और खुश कर देती है।
– जैसे माँ अपने बच्चे को सहलाती है, वैसे ही मलय पवन भी सबको सहलाती और सुकून देती है।
शब्दों के रूप (पेज – 6)
नीचे शब्दों से जुड़ी कुछ गतिविधियाँ दी गई हैं। इन्हें करने के लिए आप शब्दकोश, अपने शिक्षकों और साथियों की सहायता भी ले सकते है।
(क) नीचे दी गई पंक्तियों को पढ़िए-
“जगमग छटा निराली
पग पग छहर रही है”
इन पंक्तियों में ‘पग’ शब्द दो बार आया है। इसका अर्थ है ‘हर पग’ या ‘हर कदम’ पर शब्दों के ऐसे ही कुछ जोड़े नीचे दिए गए हैं इनके अर्थ लिखिए–
घर-घर ……………………….
बाल-बाल ……………………….
साँस-साँस ……………………….
देश-देश ……………………….
पर्वत-पर्वत ……………………….
उत्तर: शब्दों के रूप — अर्थ सहित
शब्द | अर्थ |
---|---|
घर-घर | हर घर में / सभी घरों में |
बाल-बाल | मुश्किल से/बहुत करीब से या मुश्किल से ही |
साँस-साँस | हर साँस में / जीवन के हर पल में |
देश-देश | हर देश में / सभी देशों में |
पर्वत-पर्वत | हर पर्वत पर / सभी पहाड़ों में |
(ख) “वह युद्ध-भूमि मेरी
वह बुद्ध-भूमि मेरी”
कविता में ‘भूमि’ शब्द में अलग-अलग शब्द जोड़कर नए-नए शब्द बनाए गए हैं। आप भी कुछ नए शब्द बनाइए और उनके अर्थ पता कीजिए—
(संकेत—तप, देव, भारत, जन्म, कर्म, कर्तव्य, मरु, मलय, मल्ल, यज्ञ, रंग, रण, सिद्ध आदि)

उत्तर:
इस गतिविधि में “भूमि” शब्द के साथ अलग-अलग शब्द जोड़कर नए शब्द बनाए गए हैं। आइए हम कुछ नए शब्द बनाएँ और उनके अर्थ भी सरल भाषा में समझें:
नया शब्द | अर्थ |
---|---|
युद्ध-भूमि | जहाँ युद्ध हुआ हो (जैसे – कुरुक्षेत्र) |
बुद्ध-भूमि | जहाँ भगवान बुद्ध ने जन्म लिया या उपदेश दिए |
कर्म-भूमि | जहाँ हम मेहनत और अच्छे काम करते हैं |
जन्म-भूमि | जहाँ किसी का जन्म हुआ हो |
तप-भूमि | जहाँ तपस्या की जाती हो |
रण-भूमि | जहाँ युद्ध होता है (रण = युद्ध) |
भारत-भूमि | भारत देश |
मलय-भूमि | मलय पर्वतों से जुड़ी भूमि |
यज्ञ-भूमि | जहाँ यज्ञ किए जाते हों |
सिद्ध-भूमि | जहाँ सिद्ध पुरुषों ने साधना या ज्ञान पाया हो |
🔆 इन सभी शब्दों में “भूमि” = धरती/स्थान और पहले शब्द से उसका विशेष मतलब जुड़ता है।
थोड़ा भिन्न, थोड़ा समान (पेज – 7)
नीचे दी गई पंक्तियों को पढ़िए–
“जग को दया सिखाई,
जग को दिया दिखाया।”
‘दया’ और ‘दिया’ में केवल एक मात्रा का अंतर है, लेकिन इस एक मात्रा के कारण शब्द का अर्थ पूरी तरह बदल गया है। आप भी अपने समूह में मिलकर ऐसे शब्दों की सूची बनाइए जिनमें केवल एक मात्रा का अंतर हो, जैसे घड़ा -घड़ी।
उत्तर: आप अपने शब्दों की सूची स्वयं बना सकते हैं। यहाँ Sample उत्तर दिया गया है।
ऐसे कुछ शब्द दिए गए हैं जिनमें सिर्फ एक मात्रा का अंतर है, पर उनका अर्थ पूरी तरह बदल जाता है:
शब्द 1 | शब्द 2 | अंतर (केवल एक मात्रा) | अर्थ |
---|---|---|---|
घड़ा | घड़ी | अ → ई (अ से इ मात्रा का अंतर) | घड़ा = मिट्टी का बर्तन; घड़ी = समय देखने का यंत्र |
दया | दिया | अ → इ (अ से इ मात्रा) | दया = करुणा, ममता; दिया = दीपक |
मल | माल | अ → आ (स्वर बदलने से) | मल = गंदगी; माल = सामान |
पन | पान | अ → आ | पन = पानी जैसा होना, पान = खाने की चीज |
दीन | दिन | ई → इ | दीन = गरीब/विनम्र व्यक्ति; दिन = रोज़, दिवस |
कला | काली | आ → ई | कला = कला/आर्ट; काली = रंग |
नदी | नाड़ी | इ → ई की मात्रा | नदी = जलधारा; नाड़ी = शरीर की नस |
तन | टन | त → ट (स्वर वही, व्यंजन बदल गया) | तन = शरीर; टन = वजन की इकाई |
मिल | माल | इ → आ | मिल = मिलना; माल = सामान |
पाठ से आगे
पेज 8 से 12 तक
आपकी बात (पेज – 8)
(क) इस कविता में भारत का सुंदर वर्णन किया गया है। आप भारत के किस स्थान पर रहते हैं? वह स्थान आपको कैसा लगता है? उस स्थान की विशेषताएँ बताइए।
(संकेत— प्रकृति, खान-पान, जलवायु, प्रसिद्ध स्थान आदि)
उत्तर (क)- यह आपको स्वयं करना है पर यह Sample उत्तर दिया जा रहा है।
मैं उत्तर भारत में में रहता हूँ।
यह जगह मुझे बहुत पसंद है। यहाँ की प्रकृति बहुत सुंदर है, चारों तरफ पेड़-पौधे, फूल और हरे-भरे खेत हैं।
यहाँ की जलवायु बहुत अच्छी है – गर्मी में आम मिलते हैं, और सर्दियों में मौसम ठंडा और अच्छा होता है।
यहाँ का खाना भी बहुत स्वादिष्ट होता है। लोग रोटी, सब्ज़ी, दाल, चावल आदि खाते हैं।
मेरे इलाके में एक प्रसिद्ध मंदिर/बाज़ार/तालाब/पर्वत/नदी है जहाँ लोग घूमने जाते हैं।
यह स्थान शांत, साफ-सुथरा और बहुत प्यारा है। मुझे यहाँ रहना बहुत अच्छा लगता है।
(ख) अपने परिवार के किसी सदस्य या मित्र के बारे में लिखिए। उसकी कौन-कौन सी बातें आपको अच्छी लगती हैं?
उत्तर (ख)- यह आपको स्वयं करना है पर यह Sample उत्तर दिया जा रहा है।
अपने दादा जी के बारे में लिखना चाहता/चाहती हूँ।
वे बहुत अच्छे और स्नेही हैं। वे मुझे रोज़ कहानियाँ सुनाते हैं और साथ में बैठकर पढ़ाते भी हैं।
वे बहुत मेहनती और अनुशासनप्रिय हैं।
उनकी बातों से मुझे हमेशा कुछ नया सीखने को मिलता है।
मुझे उनकी मुस्कान, उनका प्यार, और उनकी समझदारी बहुत अच्छी लगती है।
वे मेरे सबसे अच्छे दोस्त जैसे हैं।
वंशी – से (पेज – 8)
“श्री कृष्णा ने सुनाई”
वंशी पुनीत गीता”
‘वंशी’ बाँसुरी को कहते हैं। यह मुँह से फूँक कर बजाया जाने वाला एक ‘वाद्य’ यानी बाजा है। नीचे फूँक कर बजाए जाने वाले कुछ वाद्यों के चित्र दिए गए हैं। इनके नाम शब्द-जाल से खोजिए और सही चित्र के नीचे लिखिए।


उत्तर:
इस शब्द-जाल में “फूँक कर बजाए जाने वाले वाद्य” यानी वायुवाद्य यंत्रों के नाम छिपे हैं। नीचे दिए गए वाद्य यंत्रों के नाम इस शब्द-जाल से खोजे गए हैं ओर सही चित्र के नीचे लाइक गए हैं।:


आज की पहेली (पेज – 9)
आज हम आपके लिए एक अनोखी पहेली लाए हैं। नीचे कुछ अक्षर दिए गए हैं। आप इन्हें मिलाकर कोई सार्थक शब्द बनाइए। अक्षरों को आगे-पीछे किया जा सकता है यानी उनका क्रम बदला जा सकता है। आप अपने मन से किसी भी अक्षर के साथ कोई मात्रा भी लगा सकते हैं। पहला शब्द हमने आपके लिए पहले ही बना दिया है।

उत्तर: पहेली बहुत मज़ेदार है ओर इसलिए इसी आपको स्वयं अवश्य करना चाहिए।
यहाँ नीचे अक्षरों को मिलाकर अर्थपूर्ण शब्द आपके लिए बनाए गए हैं।
क्रम संख्या | अक्षर | शब्द |
---|---|---|
1 | स म हा ग र | महासागर |
2 | ह म य ल | हिमालय |
3 | ग ग | गंगा / गूंगा |
4 | भ त र | भारत / भीतर |
5 | ल क य | कोयल / कालकाय (थोड़ा कठिन शब्द है, आप ‘लायक’ या ‘कायक’ जैसे शब्द भी बना सकते हैं) |
6 | व न प | पवन |
झरोखे से (पेज – 10)
आप अपने विद्यालय में ‘वंदे मातरम्’ गाते होंगे। ‘वंदे मातरम्’ बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय द्वारा रचा गया था। यह गीत स्वतंत्रता की लड़ाई में लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत था। भारत में इसका स्थान ‘जन गण मन’ के समान है। क्या आप इसका अर्थ जानते-समझते हैं? आइए, आज हम पहले इसका अर्थ समझ लेते हैं, फिर समूह में चर्चा करेंगे-

आप नीचे दी गई इंटरनेट कड़ी पर इसे संगीत के साथ सुन भी सकते हैं—
https://knowindia.india.gov.in/hindi/national-identity-elements/national-song.php
उत्तर: ये बच्चों को समझने के लिया दिया गया है ओर इसी आप आसानी से टेबल में अर्थ देख के समझ सकते हैं।
साझी समझ (पेज – 11)
आपने ‘मातृभूमि’ कविता को भी पढ़ा और ‘वंदे मातरम्’ को भी। अब कक्षा में चर्चा कीजिए और पता लगाइए कि इन दोनों में कौन-कौन सी बातें एक जैसी हैं और कौन-कौन सी बातें कुछ अलग हैं।
उत्तर : ये भी आपके स्वयं के करने के लिए है पर यहाँ Sample उत्तर दिए जा रहे हैं।
आपने ‘वंदे मातरम्’ और ‘मातृभूमि’ दोनों कविताएं पढ़ी हैं। अब आइए हम दोनों कविताओं की एक जैसी बातें और कुछ अलग बातें समझें—आसान और सरल शब्दों में:
एक जैसी बातें (समानताएँ)
- दोनों कविताएं भारत माता की स्तुति (प्रशंसा) करती हैं।
👉 जैसे वंदे मातरम् में “हे माता, मैं तुम्हें प्रणाम करता हूँ।”
👉 और मातृभूमि कविता में भी भारत को माँ के रूप में देखा गया है। - दोनों में प्रकृति का सुंदर चित्रण है।
👉 वंदे मातरम् में “सुपुष्पित वृक्ष”, “शीतल वायु”, “जल-फूलों” की बात है।
👉 मातृभूमि में भी धरती, खेत, पेड़-पौधे, नदियाँ आदि का ज़िक्र है। - दोनों में मातृभूमि के प्रति प्रेम और सम्मान है।
👉 दोनों कविताओं में लेखक भारत माता को प्रणाम कर रहा है। - दोनों में मातृभूमि को सुंदर, दयालु और देने वाली माँ बताया गया है।
👉 जो बच्चों को सुख, अन्न, वाणी और जीवन देती है।
अलग-अलग बातें (भिन्नताएँ)
- ‘वंदे मातरम्’ संस्कृत मिश्रित है, और इसमें थोड़े कठिन शब्द हैं।
👉 जैसे: “शुभ्रज्योत्स्ना”, “पुलकित”, “सुमधुर भाषिणी”। - ‘मातृभूमि’ कविता सरल हिंदी में है।
👉 इसे बच्चे आसानी से समझ सकते हैं। - ‘वंदे मातरम्’ गीत की तरह गाया जाता है, यह एक राष्ट्रीय गीत है।
👉 जबकि ‘मातृभूमि’ एक कविता है, जिसे पढ़ा जाता है। - ‘वंदे मातरम्’ स्वतंत्रता संग्राम का प्रेरणास्रोत था।
👉 यह क्रांतिकारियों को प्रेरित करता था।
खोजबीन के लिए (पेज – 11)
नीचे पाठ से संबंधित कुछ रचनाएँ दी गई हैं, इन्हें पुस्तक में दिए गए क्यू.आर.कोड की सहायता से पढ़ें, देखें व समझें।
- स्वाधीनता की सरगम— वंदना के इन स्वरों में
- ना हाथ एक शस्त्र हो
- पुष्प की अभिलाषा
- यह महिमामय अपना भारत
उत्तर: इसमें कुछ प्रेरणादायक और देशभक्ति से भरी रचनाएँ दी गई हैं। ये सभी रचनाएँ बच्चों को भारत, स्वतंत्रता, बलिदान, और देशभक्ति की भावना को समझने और महसूस करने में मदद करेंगी।
यहाँ हम इनसे संबंधित links दे रहे हैं जिनपर क्लिक करके आप इनको पढ़ सकते हो।
1. स्वाधीनता की सरगम – वंदना के इन स्वरों में
कविता पढ़ें: वंदना के इन स्वरों में – कविता | हिन्दवी
2. ना हाथ एक शस्त्र हो
- कविता पढ़ें: बढे़ चलो, बढे़ चलो / सोहनलाल द्विवेदी – कविता कोश
- एनसीईआरटी YouTube पर सुनें : Na Hath Ek Shastra Ho /ना हाथ एक शस्त्र हो
3. पुष्प की अभिलाषा (माखनलाल चतुर्वेदी)
कविता पढ़ें: पुष्प की अभिलाषा / माखनलाल चतुर्वेदी – कविता कोश
4. यह महिमामय अपना भारत
कविता पढ़ें: भारत / सोहनलाल द्विवेदी – कविता कोश
