मातृभूमि कविता – अर्थ सहित व्याख्या एवं अलंकार | क्लास 6 हिन्दी पुस्तक ‘मल्हार’

The poem मातृभूमि (Matribhoomi) by Sohanlal Dwivedi has been thoroughly explained and analyzed here, including word meanings and poetic devices. Each stanza is interpreted line by line in both Hindi and English. This content aims to assist CBSE Class 6 students studying the NCERT Hindi textbook ‘Malhar’ for Grade 6.

‘मातृभूमि’ की सरल पंक्ति-दर-पंक्ति व्याख्या, शब्दार्थ, भावार्थ और काव्य सौंदर्य

मातृभूमि (Matribhoomi) कविता, सोहनलाल द्विवेदी द्वारा रचित, का यहाँ शब्दार्थ और अलंकारों के साथ विश्लेषण किया गया है। प्रत्येक पद्य को हिंदी और अंग्रेजी दोनों में पंक्ति दर पंक्ति समझाया गया है। यह सामग्री सीबीएसई कक्षा 6 के छात्रों की मदद के लिए दी गई है, जो एनसीईआरटी हिंदी पाठ्यपुस्तक ‘मल्हार’ पढ़ रहे हैं।

‘मातृभूमि’ कविता की सरल पंक्ति-दर-पंक्ति व्याख्याशब्दार्थभावार्थ और काव्य सौंदर्य (poetic devices) नीचे दिया गया है जो कविता को सही अर्थों में समझने में मदद करेगा।

आइए, विस्तार से सीबीएसई कक्षा 6 “मातृभूमि” कविता के भावार्थ को समझते हैं।

मातृभूमि कविता की सरल व्याख्या | कक्षा 6 हिन्दी पाठ्यपुस्तक ‘मल्हार’

संदर्भ: प्रस्तुत पंक्तियां हमारी पाठ्य पुस्तक ‘मल्हार’ में संकलित कविता ‘मातृभूमि’ (वह जन्मभूमि) से अवतरित है जिस के रचयिता सुप्रसिद्ध कवि श्री सोहन लाल द्विवेदी जी हैं

प्रसंग: इन पंक्तियों में कवि ने भारत के प्राकृतिक सौंदर्य ओर सांस्कृतिक-समृद्धि का वर्णन किया है।

Stanza 1

संदर्भ: प्रस्तुत पंक्तियां हमारी पाठ्य पुस्तक ‘मल्हार’ में संकलित कविता ‘मातृभूमि’ (वह जन्मभूमि) से अवतरित है जिस के रचयिता सुप्रसिद्ध कवि श्री सोहन लाल द्विवेदी जी हैं

अर्थ: हिमालय पहाड़ बहुत ऊँचा है और ऐसा लगता है जैसे वह आकाश को छू रहा है। वहीं समुद्र (सिंधु) उसके पैरों के पास झुक कर झूमता है।

शब्दार्थ:

  • हिमालय – भारत का ऊँचा पर्वत
  • चरण तले – पैरों के नीचे
  • नित – हर दिन
  • सिंधु – समुद्र

भावार्थ: हमारी मातृभूमि भारत बहुत महान है। यहाँ हिमालय जैसी ऊँचाई भी है और समुद्र जैसी गहराई भी।

व्याख्या: यह पंक्ति भारत देश के प्राकृतिक सौंदर्य को दर्शाती है। यहाँ हिमालय को “ऊँचा खड़ा” कहा गया है, मतलब यह पर्वत बहुत ऊँचा और महान है। “आकाश चूमता है” का मतलब है कि हिमालय इतनी ऊँचाई तक जाता है कि वह आकाश के करीब लगता है। “नीचे चरण तले झुक” का मतलब है कि समुद्र (सिंधु) हिमालय के पैरों के नीचे झुकता हुआ लहराता है।

This line reflects the natural beauty of India. Here the Himalayas are called “high stand”, meaning this mountain is very high and great. “Kisses the sky” means that the Himalayas go to such a height that it seems close to the sky. The “bend under the stage below” means that the sea (Indus) waving under the feet of the Himalayas.

काव्य सौंदर्य:

  • मानवीकरण (Personification) – हिमालय को आकाश चूमते हुए और समुद्र को झूमते हुए दिखाया गया है जैसे वे इंसान हों
  • अतिशयोक्ति (Hyperbole): हिमालय का आकाश को छूना, यह अधिकता को दर्शाता है।

Stanza 2

अर्थ: गंगा, यमुना और त्रिवेणी जैसी नदियाँ बह रही हैं। हर जगह एक खास चमक-सी फैली है।

शब्दार्थ:

  • त्रिवेणी – तीन नदियों का संगम (गंगा, यमुना और सरस्वती)
  • छटा – सुंदरता, दृश्य
  • छहर रही – फैल रही

भावार्थ: भारत की धरती नदियों से भरी हुई है और उसकी सुंदरता हर जगह दिखाई देती है।

व्याख्या:
यह पंक्ति भारत की पवित्र नदियों, गंगा और यमुनाजी की बात करती है। “त्रिवेणी” का मतलब है तीन नदियों का संगम (गंगा, यमुना, और सरस्वती)। “लहर रही हैं” मतलब नदियाँ बह रही हैं। “जगमग छटा निराली” का अर्थ है कि नदियों का दृश्य बहुत सुंदर और अद्भुत है, और “पग पग छहर रही है” से यह दर्शाया गया है कि हर कदम पर प्रकृति का सौंदर्य फैल रहा है।

This line talks about the holy rivers of India, Ganga and Yamunaji. “Triveni” means the confluence of three rivers (Ganga, Yamun, and Saraswati). “Waves” means rivers are flowing. “Jagamg chhata nirali” means that the view of the rivers is very beautiful and amazing, and from “Pug Pag is shaking” it is shown that the beauty of nature is spreading at every step.

काव्य सौंदर्य:

  • रूपक (Metaphor): नदियों का अद्भुत सौंदर्य और उसकी लहरों का चित्रण रूपक के रूप में किया गया है।
  • अनुप्रास: पग पग (‘प’ ध्वनि की आवृति हो रही है)
  • चित्रात्मकता – इस पंक्ति में बहुत सुंदर दृश्य का वर्णन किया गया है।

Stanza 3

अर्थ: यह मेरी पवित्र भूमि है, यह मेरी सोने जैसी कीमती भूमि है। यही मेरी जन्मभूमि और मातृभूमि है।

शब्दार्थ:

  • पुण्य भूमि – पवित्र भूमि
  • स्वर्ण भूमि – सोने जैसी भूमि
  • जन्मभूमि – जहाँ जन्म हुआ
  • मातृभूमि – माँ जैसी भूमि

भावार्थ: कवि भारत को बहुत आदर और प्रेम से देखता है। वह इसे माँ जैसा मानता है।

व्याख्या:
यह पंक्ति कवि द्वारा अपनी मातृभूमि (भारत) की महिमा को दर्शाती है। “पुण्य भूमि” यानी वह भूमि जहाँ लोग अच्छे कर्म करते हैं। “स्वर्ण भूमि” का अर्थ है सोने जैसी कीमती भूमि। “जन्मभूमि” यानी वह भूमि जहाँ कवि का जन्म हुआ। “मातृभूमि” से तात्पर्य अपनी माँ की तरह उस भूमि से है, जो हमें सब कुछ देती है।

This line shows the glory of his motherland (India) by the poet. “Punya Bhoomi” means the land where people do good deeds. “Golden land” means precious land like gold. “Janmabhoomi” means the land where the poet was born. “Motherland” refers to that land like her mother, which gives us everything.

काव्य सौंदर्य:

  • अनुप्रास अलंकार – “भूमि” में ‘भ’ की पुनरावृत्ति से मधुरता बढ़ती है।
  • पुनरोक्ति : “वह भूमि मेरी” का बार-बार प्रयोग होता है, जो भूमि के प्रति कवि की श्रद्धा को दर्शाता है।
  • रुपक: भूमि शब्द की कई तुलनाएँ की गई है जैसे ‘स्वर्ण’ ओर ‘पुण्य’

Stanza 4

अर्थ: भारत की पहाड़ियों में बहुत से झरने गिरते हैं। झाड़ियों में चिड़ियाँ मस्ती में चहक रही हैं।

शब्दार्थ:

  • झरना – गिरता हुआ पानी
  • झाड़ियाँ – छोटे-छोटे पेड़
  • मस्त – खुश, आनंदित

भावार्थ: भारत की प्रकृति बहुत सुंदर और जीवन से भरी हुई है।

व्याख्या:
यह पंक्ति भारत के प्राकृतिक सौंदर्य को दर्शाती है। “झरने अनेक झरते” का मतलब है पहाड़ियों में कई झरने गिर रहे हैं। “चिड़िया चहक रही हैं” से यह दिखाया गया है कि यहाँ की प्राकृतिक शांति और सुंदरता से चिड़ियाँ खुशी से गा रही हैं। “मस्त झाड़ियों में” मतलब झाड़ियाँ भी हरियाली से भरी हुई हैं, जिससे सब कुछ हरा-भरा और सुंदर लगता है।

This line reflects the natural beauty of India. “Waterfalls many waterfalls” means many waterfalls are falling in the hills. It is shown from the “bird chirping” that the birds are singing happily with the natural peace and beauty here. “Mast bush” means the bushes are also full of greenery, which makes everything look green and beautiful.

काव्य सौंदर्य:

  • अनुप्रास: झरने अनेक झरते(‘झ’ ध्वनि की आवृति हो रही है), चिड़िया चहक (‘च ‘ ध्वनि की आवृति हो रही है)
  • चित्रात्मकता और ध्वनि सौंदर्य – चिड़ियों की चहचहाहट और झरनों की आवाज़ का सुंदर चित्रण।

Stanza 5

अर्थ: आम के पेड़ (बाग) घने हैं, कोयल वहाँ गा रही है। मलय पर्वत से आने वाली ठंडी हवा तन और मन को ताज़ा कर देती है।

शब्दार्थ:

  • अमराइयाँ – आम के बाग
  • मलय पवन – मलय पर्वत से आने वाली शीतल हवा
  • तन मन सँवारती है – शरीर और मन को अच्छा बनाती है

भावार्थ: भारत का वातावरण बहुत शांत और मन को भाने वाला है।

व्याख्या:
यह पंक्ति भारत के सुंदर बाग-बगिचों की बात करती है। “अमराइयाँ घनी हैं” का मतलब है कि आम के बाग बहुत घने और हरियाली से भरे हुए हैं। “कोयल पुकारती है” से तात्पर्य है कि भारत में कोयल का मधुर स्वर सुनाई देता है। “मलय पवन” का अर्थ है एक शीतल और प्यारी हवा जो तन और मन को शांति और आनंद देती है।

This line talks about the beautiful gardens of India. “Amaraiya is dense” means that mango orchards are very dense and full of greenery. “Cuckoo calls” means that the cuckoo’s melodious tone is heard in India. “Malay Pawan” means a cool and cute air that gives peace and pleasure to the body and mind.

काव्य सौंदर्य:

मानवीकरण – पवन को सँवारते हुए दिखाया गया है

Stanza 6

अर्थ: यह भूमि धर्म की भूमि है, कर्म की भूमि है। यही मेरी जन्म और मातृभूमि है।

शब्दार्थ:

  • धर्मभूमि – जहाँ अच्छे कर्म किए जाते हैं
  • कर्मभूमि – जहाँ कर्म/काम करने का अवसर है

भावार्थ: भारत एक ऐसी भूमि है जहाँ अच्छे विचार और काम होते हैं।

व्याख्या:
यहाँ कवि अपनी मातृभूमि (भारत) को धर्म और कर्म की भूमि मानते हैं। “धर्मभूमि” से तात्पर्य है वह भूमि जहाँ धार्मिक मूल्य और आदर्शों का पालन किया जाता है। “कर्मभूमि” का मतलब है वह भूमि जहाँ लोग अपने कर्मों से अच्छा काम करते हैं।

Here the poets consider their motherland (India) as the land of religion and karma. “Dharmabhoomi” refers to the land where religious values ​​and ideals are followed. “Karmabhoomi” means land where people do good work with their deeds.

काव्य सौंदर्य:

पुनरुक्ति – “भूमि मेरी” की बार-बार आवृत्ति से कविता में लय है।

Stanza 7

अर्थ: भारत वह भूमि है जहाँ भगवान राम (रघुपति) और सीता का जन्म हुआ। श्रीकृष्ण ने यहीं बांसुरी बजाई और गीता का उपदेश दिया।

शब्दार्थ:

  • रघुपति – भगवान राम
  • पुनीत – पवित्र, पावन
  • वंशी – बांसुरी
  • गीता – भगवान श्रीकृष्ण द्वारा कहा गया उपदेश

भावार्थ: भारत की भूमि धार्मिक रूप से भी बहुत महान है।

व्याख्या:
इस पंक्ति में कवि बताते हैं कि भारत कितनी महान भूमि है जहाँ भगवान राम (रघुपति) का जन्म हुआ। यहाँ माता सीता भी जन्मीं।
यह वही धरती है जहाँ श्रीकृष्ण ने अपनी बांसुरी (वंशी) पर भगवद् गीता का पवित्र उपदेश दिया। पवित्र भूमि है यह!

In this line, the poet tells how great India is India where Lord Ram (Raghupati) was born. Mother Sita was also born here. This is the same earth where Shri Krishna gave the sacred sermon of Bhagavad Gita on his flute (Vanshi). This is the holy land!

काव्य सौंदर्य:

  • ऐतिहासिक और धार्मिक प्रसंगों का प्रयोग कविता को भावपूर्ण बनाता है।
  • अनुप्रास अलंकार: जन्मे जहाँ थे रघुपति, जन्मी जहाँ (‘ज’ की आवृति है)

Stanza 8

अर्थ: भगवान बुद्ध (गौतम) ने भारत में जन्म लिया और दुनिया को दया और सही रास्ता दिखाया।

शब्दार्थ:

  • गौतम – गौतम बुद्ध
  • सुयश – अच्छी प्रसिद्धि
  • दया – करुणा, प्रेम
  • दिया दिखाया – सही राह दिखाई

भावार्थ: भारत विश्व को दया, अहिंसा और ज्ञान का संदेश देने वाला देश है।

व्याख्या:
यह पंक्तियाँ भगवान बुद्ध की महिमा बताती हैं। भारत वह भूमि है जहाँ गौतम बुद्ध ने जन्म लिया और दया, करुणा और सच्चाई का संदेश पूरी दुनिया को दिया। उन्होंने अज्ञानता को मिटा कर लोगों को सच्चाई का रास्ता दिखाया।

These lines show the glory of Lord Buddha. India is the land where Gautama Buddha was born and gave the message of kindness, compassion and truth to the whole world. He eradicated ignorance and showed people the path of truth.

काव्य सौंदर्य:

  • अनुप्रास: जन्म..जिसका (‘ज’ की आवृति है); दया..दिया (‘द ‘ की आवृति है)
  • तुकांत – बढ़ाया / दिखाया
  • संदेशात्मक भाषा
  • मूल्य शिक्षा – दया का महत्व, मानवता का पाठ

Stanza 9

अर्थ: भारत वह भूमि है जहाँ युद्ध भी हुए और जहाँ बुद्ध जैसे महापुरुष भी हुए। यह मेरी प्यारी मातृभूमि है।

शब्दार्थ:

  • युद्ध भूमि – जहाँ वीरों ने युद्ध किए
  • बुद्ध भूमि – जहाँ बुद्ध जैसे शांतिप्रिय व्यक्ति हुए

भावार्थ: भारत में वीरता और शांति दोनों का अद्भुत मेल है।

व्याख्या:
भारत युद्धभूमि भी रहा है जहाँ धर्म के लिए, सच्चाई के लिए वीरों ने युद्ध लड़े। यह बुद्धभूमि भी है जहाँ शांति और दया का संदेश दिया गया। इसलिए यह भूमि हमारे लिए माँ के समान है — हमारी मातृभूमि और जन्मभूमि।

India has also been a battleground where the heroes fought war for religion, for truth. It is also a Buddha land where the message of peace and kindness was given. Therefore, this land is like mother for us – our motherland and birthplace.

काव्य सौंदर्य:

  • पुनरोक्ति: भूमि का कई बार प्रयोग हुआ है।
  • विरोधाभास – युद्ध और बुद्ध, दोनों का साथ में प्रयोग बहुत प्रभावशाली है।
  • तुकबंदी और दोहावली शैली
  • गौरव का भाव

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